Delhi-Mumbai Expressway पर बनेगा Electric Truck Charging Hub, ₹15,000 करोड़ का आएगा खर्चा…

Delhi-Mumbai Expressway: भारत के सबसे बड़े और व्यस्ततम हाईवे Delhi-Mumbai Expressway पर अब इलेक्ट्रिक ट्रकों के लिए एक मेगा चार्जिंग हब विकसित किया जा रहा है. यह प्रोजेक्ट देश में लंबी दूरी की इलेक्ट्रिक लॉजिस्टिक्स को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया है. इसका उद्देश्य भारी वाहनों को तेज, सुरक्षित और आधुनिक चार्जिंग सुविधा देना है ताकि डीजल पर निर्भरता कम हो और ट्रांसपोर्ट सेक्टर अधिक पर्यावरण-अनुकूल बन सके.

Delhi-Mumbai Expressway: निवेश और पैमाना

इस चार्जिंग हब के विकास पर लगभग ₹15,000 करोड़ का निवेश किया जा रहा है. यह भारत के अब तक के सबसे बड़े ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में से एक होगा. हब की योजना इस तरह बनाई गई है कि यह एक समय में सैकड़ों इलेक्ट्रिक ट्रकों को चार्ज करने की क्षमता रखे. इसमें अल्ट्रा हाई-कैपेसिटी चार्जर, बैटरी स्वैपिंग स्टेशन और 24×7 पावर सप्लाई की व्यवस्था की जाएगी जिससे ट्रकों को बिना किसी देरी के चार्ज किया जा सके.

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चार्जिंग समय और सुविधाएं

इस हब में अल्ट्रा-फास्ट चार्जिंग तकनीक लगाई जाएगी जिससे बड़े ट्रकों की बैटरी 80% तक केवल 45 मिनट में चार्ज हो सकेगी. बैटरी स्वैपिंग स्टेशनों से ड्राइवरों को और भी तेज सेवा मिलेगी. इसके अलावा ट्रक ड्राइवरों और ऑपरेटर्स के लिए रेस्ट एरिया, कैफेटेरिया, मेंटेनेंस सेंटर और रियल-टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम भी होंगे. यह सभी सुविधाएं लॉजिस्टिक्स कंपनियों को लंबी दूरी की ई-माल ढुलाई में सहूलियत देंगी.

तकनीक और पर्यावरण लाभ

इस चार्जिंग हब को ग्रीन एनर्जी के साथ जोड़ा जाएगा. यहां सौर और पवन ऊर्जा से भी बिजली उत्पन्न की जाएगी ताकि इसका संचालन पर्यावरण-अनुकूल रहे. इससे डीजल ट्रकों के प्रदूषण और ईंधन लागत दोनों में कमी आएगी और लंबी दूरी की माल ढुलाई सस्ती और टिकाऊ बनेगी. साथ ही, इस परियोजना से भारी वाहनों की मेंटेनेंस लागत में भी कमी आने की संभावना है.

समयसीमा, रोजगार और लोकेशन

इस Electric Truck Charging Hub को अगले 3 वर्षों में चरणबद्ध तरीके से Delhi-Mumbai Expressway के प्रमुख स्थानों पर विकसित किया जाएगा. निर्माण और संचालन के दौरान इसमें हजारों लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है जिसमें इंजीनियरिंग, निर्माण, चार्जिंग टेक्नोलॉजी और सेवा क्षेत्र के कर्मचारी शामिल होंगे. इसके तैयार हो जाने पर देश में भारी वाहनों के लिए ई-मोबिलिटी को एक नया आयाम मिलेगा और यह प्रोजेक्ट भारत को ग्रीन लॉजिस्टिक्स हब बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

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