उत्तराखंड-उत्तर प्रदेश के बीच ₹1.20 लाख करोड़ की लागत से नए ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे काम शुरू – इन शेरों से गुजरेगा एक्सप्रेसवे..

UK-UP Greenfield Expressway: भारत में तेजी से बढ़ते इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की कड़ी में उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के लिए बड़ा ऐलान किया गया है. केंद्र सरकार ने लगभग ₹1.20 लाख करोड़ की लागत से नए ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट्स की योजना को मंजूरी दी है. इन प्रोजेक्ट्स के पूरा होने के बाद दोनों राज्यों के बीच न सिर्फ कनेक्टिविटी मजबूत होगी बल्कि पर्यटन, व्यापार और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे.

UK-UP Greenfield Expressway
UK-UP Greenfield Expressway

हाई-स्पीड यात्रा और समय की बचत

ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे खास तौर पर तेज रफ्तार और बिना रुकावट वाले सफर के लिए बनाए जाते हैं. इन नए एक्सप्रेसवे के तैयार होने के बाद लोगों को दिल्ली, लखनऊ, देहरादून और हरिद्वार जैसे बड़े शहरों के बीच यात्रा करने में घंटों की बचत होगी. उदाहरण के तौर पर, देहरादून से लखनऊ का सफर जो अभी 10 से 12 घंटे में पूरा होता है, वही एक्सप्रेसवे के जरिए 6 से 7 घंटे में निपट जाएगा.

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UK-UP Greenfield Expressway पर्यटन

उत्तराखंड अपने धार्मिक और प्राकृतिक पर्यटन स्थलों के लिए जाना जाता है. हर साल लाखों पर्यटक ऋषिकेश, हरिद्वार, बद्रीनाथ और केदारनाथ आते हैं. लेकिन खराब सड़कों और लंबा सफर उनकी सबसे बड़ी परेशानी है. नए ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे से यह दिक्कत काफी हद तक खत्म हो जाएगी. वहीं उत्तर प्रदेश के औद्योगिक और कृषि उत्पाद अब आसानी से दूसरे राज्यों और बड़े बाजारों तक पहुंच सकेंगे, जिससे व्यापार को नई रफ्तार मिलेगी.

रोजगार और क्षेत्रीय विकास का फायदा

इतनी बड़ी परियोजना पर काम होने का मतलब है हजारों नए रोजगार के अवसर. निर्माण के दौरान स्थानीय युवाओं को काम मिलेगा और एक्सप्रेसवे के किनारे ढेरों नए इंडस्ट्रियल हब, वेयरहाउस और लॉजिस्टिक पार्क विकसित किए जाएंगे. इससे उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश दोनों राज्यों में विकास की नई लहर दौड़ेगी. खासकर छोटे कस्बों और ग्रामीण इलाकों को इसका सीधा फायदा मिलेगा.

निवेश और भविष्य की दिशा

₹1.20 लाख करोड़ का यह निवेश न केवल वर्तमान के लिए बल्कि आने वाले दशकों के लिए भी फायदेमंद साबित होगा. भारत सरकार लगातार देशभर में हाई-स्पीड एक्सप्रेसवे नेटवर्क तैयार कर रही है और यह योजना उसी का हिस्सा है. अनुमान है कि 2030 तक इन राज्यों में सफर करना बेहद आसान और तेज हो जाएगा.

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