Pandit Deen Dayal Upadhyay Jn: भारतीय रेलवे ने पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी को और मजबूत करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन से झाझा तक तीसरी और चौथी रेलवे लाइन बिछाने के लिए ₹17,000 करोड़ की लागत से नया प्रोजेक्ट मंजूर किया गया है. इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद इस रूट पर रेल यातायात बेहद सुगम और तेज़ हो जाएगा.

Pandit Deen Dayal Upadhyay Jn: यात्री को फायदा
यह रेलवे लाइन देश की माल ढुलाई व्यवस्था और यात्री ट्रेनों दोनों के लिए वरदान साबित होगी. मौजूदा समय में इस सेक्शन पर लगातार ट्रैफिक बढ़ने की वजह से ट्रेनों की स्पीड प्रभावित होती है. नई तीसरी और चौथी लाइन बन जाने से यात्रियों को समय पर ट्रेन मिलने के साथ-साथ मालगाड़ियों की आवाजाही भी तेज़ और निर्बाध हो जाएगी.
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रोजगार और विकास को बढ़ावा
₹17,000 करोड़ का यह प्रोजेक्ट न केवल रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड करेगा बल्कि आसपास के क्षेत्रों में रोजगार और आर्थिक विकास भी लाएगा. निर्माण कार्य के दौरान हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा. वहीं प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद तेज़ कनेक्टिविटी से उद्योग और बिजनेस को भी बड़ा लाभ मिलेगा.
स्पीड और सेफ्टी में सुधार
नई लाइनों के जुड़ने से ट्रेनों की औसत गति में इजाफा होगा. यात्रियों को सफर के दौरान कम देरी और बेहतर सुविधाएं मिलेंगी. साथ ही, भीड़भाड़ कम होने से सेफ्टी स्टैंडर्ड्स और रेलवे की ऑपरेशनल एफिशियंसी भी काफी हद तक सुधर जाएगी. इससे भारतीय रेलवे की क्षमता और विश्वास दोनों में इजाफा होगा.
भविष्य के लिए मजबूत आधार
पूर्वी भारत को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने में यह रेलवे कॉरिडोर अहम भूमिका निभाता है. तीसरी और चौथी लाइन बनने से भविष्य में बढ़ती रेल मांग को आसानी से पूरा किया जा सकेगा. यह प्रोजेक्ट न केवल यात्रियों के लिए राहत की सौगात है बल्कि भारत के रेलवे नेटवर्क को भविष्य-रेडी बनाने की दिशा में बड़ा कदम भी है.