Haryana Orbital Rail Corridor: दिल्ली और NCR की बढ़ती आबादी और ट्रैफिक को देखते हुए सरकार ने एक और मेगा प्रोजेक्ट को तेज़ी से आगे बढ़ाने की तैयारी की है. हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर (EORC), जिसकी लंबाई करीब 90 किलोमीटर होगी, का विस्तृत DPR (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार हो चुका है. यह रेल लाइन गुरुग्राम, पलवल, सोनीपत और मानेसर जैसे बड़े शहरों को जोड़ेगी और दिल्ली की भीड़ पर दबाव कम करेगी.

Haryana Orbital Rail Corridor: सफर होगा आसान और तेज़
EORC बनने के बाद यात्रियों और व्यापारिक गतिविधियों को नई दिशा मिलेगी. अभी दिल्ली से होकर गुजरना मजबूरी है, लेकिन इस कॉरिडोर के जरिए लोग सीधे NCR के औद्योगिक और आवासीय शहरों तक पहुंच पाएंगे. इससे यात्रा का समय घटेगा, जाम से छुटकारा मिलेगा और लॉजिस्टिक्स सेक्टर को बड़ा फायदा होगा.
Read More: ₹8,500 करोड़ का वाराणसी पटना एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट जमीनी के रेट करेगा 4x! जमीन अधिकरण का काम शुरू
मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी का बड़ा तोहफ़ा
EORC सिर्फ एक रेल लाइन नहीं बल्कि मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी का उदाहरण होगा. इसे दिल्ली–मुंबई एक्सप्रेसवे, वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और मेट्रो नेटवर्क से जोड़ा जाएगा. यानी यात्री एक ही सफर में सड़क, रेल और मेट्रो के विकल्प पा सकेंगे. यह NCR के लिए पहली बार होगा जब इतने बड़े पैमाने पर इंटीग्रेटेड कनेक्टिविटी उपलब्ध होगी.
औद्योगिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा
इस कॉरिडोर से मानेसर, बावल और सोनीपत के इंडस्ट्रियल हब्स को सीधा फायदा मिलेगा. माल ढुलाई आसान होगी और ट्रांसपोर्ट की लागत घटेगी. यही नहीं, NCR में बसे लाखों लोगों के लिए यह प्रोजेक्ट रोज़गार और निवेश के नए अवसर भी लेकर आएगा. कहा जा रहा है कि यह कॉरिडोर आने वाले समय में हजारों नौकरियां और दर्जनों नए बिज़नेस पार्क्स की नींव रखेगा.
NCR की तस्वीर बदलेगा
हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर बनने के बाद दिल्ली पर निर्भरता काफी कम हो जाएगी. लोग सीधे अपने गंतव्य तक पहुंचेंगे और NCR की भीतरी कनेक्टिविटी नई ऊंचाइयों पर होगी. यह प्रोजेक्ट न केवल सफर को आसान बनाएगा बल्कि NCR को सस्टेनेबल अर्बन डेवलपमेंट की दिशा में ले जाएगा. आने वाले वर्षों में यह रेल लाइन NCR की लाइफलाइन साबित हो सकती है.