Chitrakoot Link Expressway: उत्तर प्रदेश सरकार ने बुंदेलखंड के लिए एक और बड़ा तोहफ़ा दे दिया है. चकरूट लिंक एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल चुकी है, जो बुंदेलखंड को प्रदेश के अन्य हिस्सों से तेज़ और सीधा जोड़ देगा. यह नया एक्सप्रेसवे न केवल यात्रा का समय घटाएगा, बल्कि इलाके में रोजगार, व्यापार और पर्यटन के नए रास्ते भी खोलेगा. इस परियोजना का मकसद है कि बुंदेलखंड जैसे पिछड़े क्षेत्र को राज्य के विकास नेटवर्क में मजबूती से शामिल किया जाए.

तेज़ सफर और आसान कनेक्टिविटी
चकरूट लिंक एक्सप्रेसवे को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय सड़कों से आसानी से जुड़ सके. इसके बनने के बाद यात्रियों को घंटों का सफर मिनटों में तय करने का मौका मिलेगा. जहां पहले बुंदेलखंड के कई हिस्सों तक पहुंचना मुश्किल और समय लेने वाला था, वहीं इस एक्सप्रेसवे से यह समस्या पूरी तरह खत्म हो जाएगी. खासकर किसानों और व्यापारियों के लिए यह सड़क माल ढुलाई को सस्ता और तेज़ बनाएगी.
Chitrakoot Link Expressway: नए उद्योग और निवेश के अवसर
इस लिंक एक्सप्रेसवे के इर्द-गिर्द कई नए इंडस्ट्रियल और लॉजिस्टिक हब बनने की संभावना है. सरकार का अनुमान है कि इसके बनने से सैकड़ों करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित होगा. छोटे-छोटे कस्बों में नए व्यापारिक अवसर खुलेंगे और युवाओं को रोजगार के नए साधन मिलेंगे. इसके अलावा, बेहतर सड़क संपर्क से क्षेत्र में टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे होटल, रेस्टोरेंट और ट्रांसपोर्ट सेक्टर में तेजी आएगी.
पर्यावरण और आधुनिक तकनीक का ध्यान
चकरूट लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण आधुनिक और पर्यावरण-हितैषी तकनीक से किया जाएगा. सोलर लाइटिंग, रेन वाटर हार्वेस्टिंग और ग्रीन बेल्ट प्लांटेशन जैसी सुविधाएं इसमें शामिल होंगी. सड़क के किनारे इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन भी लगाए जाएंगे, जिससे यह भविष्य के ई-मोबिलिटी प्लान के साथ भी मेल खाएगा.
लागत और समय सीमा
इस प्रोजेक्ट की लागत हजारों करोड़ रुपये आंकी गई है और इसे चरणबद्ध तरीके से तैयार किया जाएगा. सरकार का लक्ष्य है कि अगले 3 से 4 साल में यह पूरी तरह तैयार होकर जनता के लिए खोल दिया जाए. एक बार चालू होने के बाद यह एक्सप्रेसवे बुंदेलखंड को उत्तर प्रदेश के अन्य बड़े शहरों और औद्योगिक क्षेत्रों से सीधी और तेज़ कनेक्टिविटी देगा. इस प्रोजेक्ट का टोटल खर्चा 188 करोड रुपए का बताया जा रहा है.