New Highway: आगरा के निवासियों और यात्रियों के लिए बड़ी राहत की खबर है. शहर में 14 किलोमीटर लंबा उत्तरी बाईपास अब 15 जुलाई से आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा. 400 करोड़ रुपये की लागत से बने इस बाईपास ने न सिर्फ आगरा के ट्रैफिक को आसान किया है, बल्कि खंदौली और रैपुरा जाट के बीच सफर को भी बेहद सुगम बना दिया है. आइए जानते हैं उत्तरी बाईपास के निर्माण, फायदे और इसकी खासियतों के बारे में विस्तार से..

उत्तरी बाईपास का निर्माण और लागत
उत्तरी बाईपास का निर्माण कार्य पिछले कुछ वर्षों से चल रहा था. कुल 14 किलोमीटर लंबे इस बाईपास को बनाने में करीब 400 करोड़ रुपये की लागत आई है. इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य आगरा शहर के अंदर ट्रैफिक का दबाव कम करना और यमुना एक्सप्रेसवे को सीधे खंदौली और रैपुरा जाट से जोड़ना है. हाईटेंशन लाइन की बाधा दूर होते ही अब यह बाईपास पूरी तरह तैयार हो गया है.
रैपुरा जाट से खंदौली तक सफर होगा आसान
इस बाईपास के शुरू होने से रैपुरा जाट से खंदौली तक का सफर बेहद आसान और तेज हो जाएगा. पहले इस रूट पर ट्रैफिक जाम और लंबी दूरी की वजह से लोगों को काफी परेशानी होती थी. अब बाईपास के खुलने से न सिर्फ समय की बचत होगी, बल्कि ईंधन की भी बचत होगी. खासकर उन लोगों के लिए जो रोजाना इस रूट पर सफर करते हैं, यह बाईपास किसी वरदान से कम नहीं है.
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यमुना एक्सप्रेसवे से सीधा कनेक्शन
उत्तरी बाईपास के शुरू होने से यमुना एक्सप्रेसवे का कनेक्शन भी और मजबूत हो जाएगा. अब दिल्ली या नोएडा से आने वाले वाहन सीधे इस बाईपास के जरिए खंदौली या रैपुरा जाट पहुंच सकेंगे. इससे शहर के अंदर घुसने की जरूरत नहीं पड़ेगी और सिकंदरा चौराहा जैसे व्यस्त इलाकों पर ट्रैफिक का दबाव काफी हद तक कम हो जाएगा.
सिकंदरा चौराहा पर ट्रैफिक में राहत
सिकंदरा चौराहा आगरा का सबसे व्यस्त ट्रैफिक प्वाइंट है. यहां हर रोज हजारों वाहन जाम में फंस जाते हैं. उत्तरी बाईपास के खुलने से अब इस चौराहे पर ट्रैफिक का दबाव काफी कम हो जाएगा. भारी वाहन और लंबी दूरी के ट्रक अब बाईपास से गुजरेंगे, जिससे शहर के अंदर ट्रैफिक नियंत्रण में रहेगा और आम लोगों को राहत मिलेगी.
स्थानीय लोगों और यात्रियों के लिए फायदे
- समय की बचत: बाईपास के जरिए रैपुरा जाट से खंदौली तक का सफर कम समय में पूरा होगा.
- ईंधन की बचत: कम दूरी और ट्रैफिक जाम से बचने के कारण ईंधन की खपत घटेगी.
- शहर में कम ट्रैफिक: भारी वाहन शहर में घुसने की बजाय बाईपास से गुजरेंगे, जिससे ट्रैफिक का दबाव कम होगा.
- यात्रा में सुविधा: यमुना एक्सप्रेसवे से सीधा कनेक्शन मिलने से दिल्ली, नोएडा, मथुरा जैसे शहरों से आगरा आना-जाना और आसान हो जाएगा.