UP Industrial Corridor: उत्तर प्रदेश में विकास की नई लहर दौड़ने वाली है. राज्य सरकार ने अब ₹30,000 करोड़ के बड़े निवेश के साथ एक Industrial Corridor की नींव रखी है जो आने वाले समय में रोजगार और कारोबार के नए रास्ते खोलेगा. यह कॉरिडोर टैक्स फ्री जोन में बनेगा, जिससे देशभर के निवेशक यहां आकर अपनी फैक्ट्रियां और इंडस्ट्रीज स्थापित कर सकेंगे.

UP Industrial Corridor: अंतरराष्ट्रीय स्तर का इंफ्रास्ट्रक्चर
इस Industrial Corridor को अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ विकसित किया जा रहा है. यहां 6-लेन सड़कों, हाई-स्पीड रेल कनेक्टिविटी, वेयरहाउसिंग हब, लॉजिस्टिक्स पार्क और ग्रीन एनर्जी सिस्टम जैसे फीचर्स होंगे. सरकार ने इसे स्मार्ट सिटी मॉडल पर तैयार करने का प्लान बनाया है, जिससे घरेलू और विदेशी कंपनियों को यहां विश्वस्तरीय सुविधाएं मिल सकें.
टैक्स फ्री और इंसेंटिव स्कीम
कॉरिडोर को टैक्स फ्री जोन में घोषित किया गया है. इसका मतलब है कि यहां सेटअप करने वाली कंपनियों को शुरुआती सालों में जीएसटी और अन्य टैक्स में छूट मिलेगी. साथ ही बिजली, पानी और भूमि पर भी विशेष सब्सिडी दी जाएगी. इससे मैन्युफैक्चरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल और EV सेक्टर की कंपनियों के लिए यह जगह बेहद आकर्षक बनेगी.
रोजगार के नए अवसर
इस कॉरिडोर के बनने से लाखों लोगों को सीधे और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा. यहां MSME यूनिट्स, स्टार्टअप्स और बड़े उद्योग एक साथ विकसित होंगे. सरकार का दावा है कि अगले पांच सालों में इस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से 5 लाख से ज्यादा नौकरियां पैदा होंगी, जिससे स्थानीय युवाओं को अपने ही राज्य में रोजगार मिल सकेगा.
निवेश और भविष्य की दिशा
₹30,000 करोड़ की लागत से बन रहे इस Industrial Corridor के लिए पहले चरण में भूमि अधिग्रहण और आधारभूत ढांचा तैयार किया जा रहा है. सरकार ने बताया कि यहां EV मैन्युफैक्चरिंग, टेक्सटाइल, फूड प्रोसेसिंग और सोलर इक्विपमेंट बनाने वाली कंपनियां भी आ रही हैं. टैक्स फ्री पॉलिसी और किफायती जमीन के कारण यह प्रोजेक्ट आने वाले समय में उत्तर भारत का सबसे बड़ा औद्योगिक हब बन सकता है. अनुमान लगाया जा रहा है कि यह इंडस्ट्रियल कॉरिडोर उत्तर प्रदेश के लगभग 100000 युवाओं को रोजगार प्रदान करेगा.